बुधवार, 8 जून 2011
चौपट रजा
ऐसा लगता है कि इस समय भारत की केंद्र सरकार धूर्त, भ्रष्ट और संवेदन हीन लोगों का एक समूह है जिसका प्रधान आँख कान विहीन एक पुतला मात्र है, जो अपनी नाक के नीचे होती चोरी को भी नही देख सकता। यह चाहे ऐ राजा हो , थामस हो या कलमाडी हो को तब तक सही ठहराता है जब तक न्यायालय की चाबुक नहीं पड़ती। जब चोरी पकड़ी जाती है तो बेशर्मी से कह देता है उसे कुछ भी नहीं मालूम था। उसी प्रकार एक शान्ति पूर्ण अहिंसात्मक सत्याग्रहियों पर अचानक रात के एक बजे सरकारी गुंडों से आक्रमण करवा देता है। वही आतंक वादियों से शान्ति की बात करता है। अन्ना हजारे के शांति पूर्ण सत्याग्रह को नौटंकी करार देता है। वास्तव में यह सरकार हिंसात्मक मानसिकता वाली है। ये वाही लोग हैं जिन्होंने इन्द्रगंधी की ह्त्या पर सम्पूर्ण देश में सिखों का कत्ले आम करवाया था, उसी प्रकार राम देव से चिढ कर उनके अनुयायिओं पर बर्बरता पूर्ण आक्रमण करवाया। एसा लगता है यह सरकार केवल और केवल हिंसा की भाषा लामझाती है।
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